बैकुंठपुर नगर पालिका में पार्षदों की अवसरवादी राजनीति – विचारधारा से बड़ा स्वार्थ?

बैकुंठपुर/जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में राजनीति में विचारधारा और निष्ठा सबसे महत्वपूर्ण होती है, लेकिन जब निजी स्वार्थ और राजनीतिक अवसरवाद हावी हो जाए,तो न केवल पार्टी की एकता प्रभावित होती है,




बल्कि जनता का भरोसा भी टूटता है। बैकुंठपुर नगर पालिका में हाल ही में जो घटनाक्रम सामने आया है, उसने कांग्रेस संगठन के भीतर की कमजोरियों और स्वार्थी राजनीति को उजागर कर दिया है। पहले विरोध, फिर समर्थन – आखिर ऐसा कौन सा दबाव? नगर पालिका परिषद में कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने पहले नेता प्रतिपक्ष अन्नपूर्णा सिंह और पार्षद साधना जायसवाल के नेतृत्व में प्रशासन की कार्यशैली का विरोध करते हुए साइन किए थे। लेकिन अब वही पार्षद नगर पालिका अध्यक्ष के पक्ष में समर्थन देते नजर आ रहे हैं। यह विरोध से समर्थन में अचानक आया बदलाव कई सवाल खड़े करता है –
क्या यह कोई दबाव था, कोई लालच, या फिर राजनीतिक निष्ठा की कमी? पार्षद पद की गरिमा से समझौता? एक पार्षद का पद जनता की आवाज़ को मजबूत करने के लिए होता है, लेकिन जब कोई जनप्रतिनिधि केवल सत्ता की दिशा देखकर अपने फैसले बदलता है, तो यह उसकी राजनीतिक अस्थिरता और अवसरवादिता को दर्शाता है। नगर पालिका में कुछ पार्षदों का रवैया यह साबित कर रहा है कि वे विचारधारा की बजाय निजी स्वार्थ को प्राथमिकता दे रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या कारण था कि वे पार्टी लाइन से हटकर अपने ही लोगों के खिलाफ खड़े हो गए? नगर पालिका उपाध्यक्ष भी सवालों के घेरे में सबसे गंभीर सवाल नगर पालिका उपाध्यक्ष पर उठता है,जिन्होंने पार्टी की नीति से अलग जाकर नगर पालिका अध्यक्ष के समर्थन में हस्ताक्षर किए। क्या यह विचारधारा से भटकाव था,सत्ता का मोह,या फिर किसी राजनीतिक सौदेबाजी का हिस्सा? पार्टी की नीतियों को दरकिनार कर नगर पालिका अध्यक्ष के पक्ष में समर्थन देना कांग्रेस संगठन के लिए एक चुनौती बन सकता है।
पार्टी के भीतर स्वार्थी तत्व सक्रिय?
इस पूरे घटनाक्रम को देखकर यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस संगठन के भीतर ही कुछ लोग अपने निजी हितों के लिए पार्टी की एकता को कमजोर कर रहे हैं। पहले नेता प्रतिपक्ष के समर्थन में साइन करने वाले अब उनके खिलाफ साइन कर रहे हैं। यह किसी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा लगता है,जिससे संगठन को नुकसान पहुंचाया जा सके।
जनता को करना होगा सही निर्णय
यह जनता के लिए भी सोचने का विषय है कि जो पार्षद आज अपनी ही विचारधारा और पार्टी के साथ छल कर रहे हैं,वे कल जनता की भलाई के लिए कितने ईमानदार रहेंगे? बैकुंठपुर की राजनीति में जो खेल खेला जा रहा है, वह न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए बल्कि जनता के लिए भी एक चेतावनी है। पार्टी को भी ऐसे अवसरवादी नेताओं की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए,ताकि संगठन की मजबूती बनी रहे l