Categories

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

08/06/2025

खुशकिस्मत होते है वह परिवार जिनकी कुलदीपक जिनशासन की सेवा के लिए स्वीकार करते संयम पथ…

Spread the love

दीक्षा के 18 वर्ष बाद पहली बार जन्मभूमि आगमन पर सचिनमुनिजी का वड़गांव वासियों एवं धारीवाल परिवार ने किया भावपूर्ण अभिनंदन*

पूज्य मुकेश मुनिजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में हुआ अभिनंदन कार्यक्रम, विभिन्न स्थानों से पहुंचे श्रावक-श्राविकाएं

वड़गांव (धुलिया), 24 मार्च। लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्रीरूपचंदजी म.सा. के मुखारबिंद से करीब 18 वर्ष पूर्व दीक्षा मंत्र स्वीकार कर संयम पथ पर अग्रसर होने वाले प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. जब पहली बार अपनी जन्मभूमि वड़गांव पधारे तो अपने गांव का नाम जिनशासन के उजले आसमान पर रोशन करने वाले लाड़ले के स्वागत-अभिनंदन के लिए सांसारिक परिवारजन ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों के लोग भी उमड़ पड़े। हर कोई उनकी संयम यात्रा की अनुमोदना करने के साथ जिनशासन की सेवा करने के लिए अपने कुलदीपक को समर्पित करने वाले धारीवाल परिवार की भी अनुमोदना कर रहा था। अंबाजी में एतिहासिक सफल चातुर्मास सम्पन्न करने के बाद आगामी चातुर्मास स्थल पूना के लिए विहार यात्रा कर रहे पूज्य दादा गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीमलजी म.सा., लोकमान्य संत, शेरे राजस्थान, वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्रीरूपचंदजी म.सा. के शिष्य, मरूधरा भूषण, शासन गौरव, प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव श्री सुकन मुनिजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती युवा तपस्वी श्री मुकेश मुनिजी म.सा., सेवारत्न हरीशमुनिजी म.सा., युवा रत्न नानेश मुनिजी म.सा, प्रज्ञा रत्न हितेशमुनिजी म.सा. के साथ धुलिया जिले में स्थित वडगांव की पावनधरा पर पधारे प्रार्थनार्थी सचिन मुनिजी म.सा. का भावपूर्ण स्वागत किया गया। अभिनंदन समारोह में पूज्य संत प्रवर के साथ वरिष्ठ श्रावकों ने भी कहा कि धारीवाल परिवार जैसे वह परिवार सौभाग्यशाली होते है जिनके कुलदीपक जिनशासन की सेवा के लिए समर्पित हो जाते है। सभी ने पूज्य सचिनमुनिजी म.सा. के संयम जीवन की अनुमोदना करते हुए भविष्य के लिए उनके सुखद संयम जीवन की कामना की। युवा तपस्वी पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा. ने कहा कि प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है जो संयम पथ स्वीकार कर अपने आत्मकल्याण का भाव बना रहे है। उन्होंने संयम जीवन स्वीकार करने के बाद स्वयं को संघ-समाज की सेवा में समर्पित करते हुए आदर्श प्रस्तुत किया है। सेवारत्रन हरीशमुनिजी म.सा. ने कहा कि सचिनमुनिजी म.सा. ने पूज्य गुरूदेव रूपचंदजी म.सा. से जो आदर्श व संस्कार प्राप्त किए उनके अनुरूप संयम जीवन जीते हुए जिनशासन की प्रभावना कर रहे है। ऐसे संत का उनकी मातृभूमि में परिवारजनों व ग्रामवासियों ने जो भावपूर्ण स्वागत किया वह बताता है कि संयम स्वीकार करने वाले हमेशा अभिनंदनीय होते है। पूज्य नानेशमुनिजी म.सा. एवं पूज्य हितेशमुनिजी म.सा. ने भी सचिनमुनिजी की धर्म के लिए समर्पित सेवाओं की अनुमोदना करते हुए उनके लिए मंगलभावनाएं व्यक्त की। प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. ने पूज्य गुरूदेव मरूधर केसरी मिश्रीलालजी म.सा. एवं लोकमान्य संत वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य रूपंचदजी म.सा. के प्रति श्रद्धाभाव व्यक्त करते हुए कहा कि वह जो कुछ भी ज्ञान अर्जित कर पाए वह सब गुरूदेवों के आशीर्वाद का प्रताप है। गुरू का आशीष ही उनके जीवन में सबसे अनमोल है जो कल्याण की राह दिखाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रवर्तक पूज्य गुरूदेव सुकनमुनिजी म.सा. की आज्ञा में रहकर धर्म का ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास कर रहे है ओर पूज्य मुकेशमुनिजी म.सा., हरीशमुनिजी म.सा. जैसे संतो ंके सानिध्य में रहकर भी प्रेरणा प्राप्त कर रहे है। उन्होंने कि अपने गांव की माटी में आकर मन प्रसन्नता का अनुभव कर रहा है ओर वह सभी के लिए मंगलमय धर्म से ओतप्रोत जीवन की कामना करते है। समारोह में नाकोड़ा ज्योतिष धूलिया उदयपुर के कांतिलालजी जैन, जैन कॉन्फ्रेंस शिव आत्म ध्यान योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंटूकुमारजी कर्णावट, फागने श्रीसंघ के अध्यक्ष किशोरजी सिंघवी, चंदूलालजी ललवानी शाहदा,मनोजजी भटेवरा, सुनील कांकरिया आदि ने भी विचार व्यक्त करते हुए पूज्य सचिनमुनिजी म.सा. के संयम जीवन की अनुमोदना की। आभार सुश्रावक गणेशजी सांखला ने व्यक्त किया। समारोह का संचालन पिंटूकुमार कर्णावट ने किया।

धारीवाल परिवार ने किया अपने कुलदीपक का अभिनंदन

समारोह में पूज्य सचिन मुनिजी के सांसारिक पक्ष धारीवाल परिवार ने उनका भावपूर्ण स्वागत किया। स्वागत करने वालों में दादीजी सायरबाई नथमलजी धारीवाल,
बड़े पिताजी हुकमीचंदजी,
बड़े माताजी साधनाजी,
भाई धीरजजी,भाभीजी ममताजी,युवीका ,वेदांश,
आरती -राहुल जी ललवानी सहित धारीवाल परिवार के सदस्य शामिल थे। समारोह के बाद गौतम प्रसादी धारीवाल परिवार द्वारा रखी गई। समारोह में धुलिया,नाशिक, बेलापुर ,जलगांव, पिलखोड़, होलनाथा,अमलनेर, बोरकुंड , कोलगांव,मांडल,फागणा, नवलनगर , जवखेड़ा, वावडे, शिरडाणे , नावरा,वणी ,अंबोड , सहित विभिन्न क्षेत्रों से श्रावक-श्राविकाएं पहुंचे थे। सचिनमुनिजी म.सा. के सांसारिक पक्ष धारीवाल परिवार के साथ ही कांठेड़, सांखला, गदिया,ललवानी परिवारों के कई सदस्य भी विभिन्न क्षेत्रों से वड़गांव पहुंचे थे। गौरतलब है कि प्रार्थनार्थी सचिनमुनिजी म.सा. ने वर्ष 2007 में 19 नवम्बर को वरिष्ठ प्रवर्तक पूज्य रूपचंदजी म.सा. के मुखारबिंद से दीक्षा मंत्र श्रवण कर संयम पथ स्वीकार किया था। उन्होंने करीब 18 वर्ष के संयम जीवन में भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण किया पर अपनी जन्मभूमि पर उसके बाद पहली बार आगमन हुआ है।


Spread the love