बरमकेला के कटंगी नाला में डाला फ्लाईएश, अडाणी पावर पर 3.90 लाख रूपये जुर्माना पढ़िए पूरी ख़बर ….

ग्रामीणों की शिकायत पर पर्यावरण विभाग ने की कार्रवाई, 3.90 लाख रुपए की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति
सारंगढ़,फ्लाई एश का उत्सर्जन रायगढ़ जिले से होता है, जिसका सबसे ज्यादा उपयोग सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में अवैध खदानों के भराव में होता है। इसमें भी उद्योग गड़बड़ी करते हैं। अडाणी पावर के ट्रांसपोर्टर ने एश को अनुमति प्राप्त स्थल में डाले जाने के बजाय प्राकृतिक कटंगी नाले में डाल दिया। इस पर पर्यावरण विभाग ने कंपनी पर 3.90 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति अधिरोपित की है। जिले में फ्लाई एश परिवहन और निराकरण भी एक बड़ा कारोबार बन चुका है। कई ट्रांसपोर्टर इस काम में लगे हुए हैं। बिना अनुमति के कहीं भी फ्लाई एश डाला नहीं जा सकता। इसलिए पर्यावरण विभाग अनापत्ति जारी करता है।
अडाणी पावर ने सरिया तहसील के ग्राम कटंगपाली-अ में कटंगी नाला के किनारे पांच खसरा नंबरों के कुल रकबा 0.326 हे. में फ्लाई एश डालने की अनुमति मांगी थी। सारंगढ़ एसडीएम, खनिज विभाग सारंगढ़ के प्रतिवेदन पर पर्यावरण विभाग ने एनओसी जारी की। इस जमीन के पास ही प्राकृतिक कटंगी नाला बहता है। अडाणी पावर ने उक्त भूमि पर फ्लाई एश डाला लेकिन इसे फैलने से रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए। भू- भराव के लिए डाला गया राखड़ कटंगी नाला में भर गया। कई गाडिय़ों ने तो फ्लाई एश का नाले में ही खाली करदिया। इसकी शिकायत हुई तो पर्यावरण विभाग ने जांच की। फ्लाई एश को डालने के बाद समतलीकरण नहीं किया गया। मिट्टी की परत भी नहीं बिछाई गई। इसलिए पर्यावरण विभाग ने अडाणी पावर पर 3.90 लाख क्षतिपूर्ति अधिरोपित की।
बरसाती नाले में भी अवैध खनन
साल्हेओना और कटंगपाली के पास बहने वाले कटंगी नाले को खनिज माफिया ने नक्शे से गायब कर दिया। अवैध डोलोमाइट खनन करने वाले गैंग ने क्रशर संचालकों के साथ मिलकर खत्म कर दिया। नाले में ही अवैध खनन कर लिया गया है। आसपास की सरकारी जमीनें तो बची ही नहीं हैं। निजी जमीनों पर भी बिना अनुमति के खनन किया जा रहा है। यही नहीं फ्लाई एश पाटने के पूर्व दोनों गांवों के जनप्रतिनिधियों ने लिखकर दे दिया कि नाले का कोई उपयोग नहीं होता।