Categories

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

08/06/2025

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर निकली ऐतिहासिक तिरंगा यात्रा ….

Spread the love

दिलीप वर्मा _ जिला संवाददाता 

 

हथबंद _ कुकराचुंदा ,  देश की रक्षा में समर्पित भारतीय सेना के अदम्य शौर्य, वीरता और बलिदान को नमन करते हुए ग्राम पंचायत कुकराचुंदा में आज तिरंगा यात्रा निकाली गई। ग्राम पंचायत में एक अभूतपूर्व दृश्य सामने आया, जब ऑपरेशन सिंदूर के लिए हजारों लोगों ने तिरंगा हाथ में थामे देशभक्ति की मिसाल पेश की। यह नजारा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति ग्रामीणों की अटूट निष्ठा, एकजुटता और भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन गया।

जिले के हर गांव, हर गली में आज तिरंगे की शान लहराई। गांवों में सुबह से ही देशभक्ति का माहौल था। युवाओं के जोश, बुजुर्गों के अनुभव, महिलाओं की सहभागिता और बच्चों के उल्लास ने इस यात्रा को एक जनआंदोलन का रूप दे दिया। यात्रा के दौरान देशभक्ति गीतों की धुन पर कदमताल करते हुए ग्रामीणों ने भारत माता की जय, वंदे मातरम्, और जय हिंद के नारों से वातावरण को गूंजायमान कर दिया। तिरंगा यात्रा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी हाथों में तिरंगा ध्वज और नागरिक, हम सेना के साथ हैं, ‘ऑपरेशन सिंदूर – राष्ट्र के लिए समर्पित’ जैसे संदेश लिखी तख्तियां लेकर चले। यात्रा पूर्णतः शांतिपूर्ण, अनुशासित एवं संगठित रही, जिसमें देश के प्रति समर्पण और एकजुटता की भावना स्पष्ट झलक रही थी।

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों को धन्यवाद देना है, हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सफलता का जश्न मनाना तथा वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना था। इस पहल ने गांवों में राष्ट्रप्रेम की नई लहर पैदा की है। ग्राम पंचायतों ने तिरंगा यात्रा के सफल आयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांवों के सरपंच, सचिव, जनप्रतिनिधि, स्व-सहायता समूहों की महिलाएं, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,युवाओं और स्कूली छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। ग्रामीणों ने स्पष्ट संदेश दिया कि वे सिर्फ दर्शक नहीं, बल्कि राष्ट्र की रक्षा में सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सेना के पराक्रम को जनमानस की आवाज़ में बदलने का सशक्त प्रयास रहा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आयोजित इस तिरंगा यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया कि देश की रक्षा केवल सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। यह आयोजन केवल वर्तमान पीढ़ी ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किस प्रकार देशभक्ति का जज़्बा जन-जन के दिलों में जिंदा है।


Spread the love