मां के दर झुके हजारों शीश, केशर ज्योति के किए दर्शन

आई पंथ के धर्मगुरू दीवान ने विशेष वस्त्राभूषण में की मंदिर में महाआरती, धर्मसभा में सफलता का रहस्य भी बताया
अर्थमाता मेले के नाम से प्रसिद्ध चैत्री बीन का मेला सोमबार को भरा गया। केशर ज्योति के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से हजारों श्रद्धालु आईमाता मंदिर पहुंचे। दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं को लंबी कतार लगी और लंबा इंतजार करना पड़ा।
आई पंथ के धर्मगुरू दीवान माधवसिंह ने राही बस्वाभूषण में पहले रनिया मंदिर और उसके बाद मुख्य आईमाता मंदिर में विशेष पूना अर्थद कर खुशहाली की कामना की। उसके बाद पुजारी और मामा मंडली द्वारा आणि कार्यक्रम हुआ और भक्तों के दर्शनार्थ और भक्तों के मंदिर के पट खोले गए। दीवान ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आई मतानी
के बताए 11 नियमों का पालन करने वाला इंसान जीवन में कभी असफल नहीं हो सकता है, हमेशा उसकी उमति होगी। उन्होंने कहा कि धर्म के कार्य में लगाया पैसा कभी दर्शनार्थना कई गुणास मिलता है। दीवन ने कहा कि यदि इंसान चरित्रवान् ईमानदार व मेहनती हो तो उसके
जीवन की नैया पार है। उन्होंने कहा कि इंसान के भाव व मन पवित्र हो तो उसकी सफलता को कोई नहीं रोक सकया इस दौरान दीवान से आशीर्वाद लेने वाले भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं लिए अच्छी व्यवस्था की। मंदिर को आकर्षक रोशनी से सजाया। इस दौरान
दीवान के पौत्र मात्रा देवराजसिंह भी मौजूद रहे। यही शाम के समय बैल कर गाजे बाजे के साथ स्थापना हुआ। इस दौवन गैर नृत्य आग का केंद्र
मेले के दौरान बस स्टैंड से लेकर कृषि मंडी तक सड़क के दोनों तरफ कुरुमें लगी। लोगों ने जमकर खरीदारी की। म लोगों ने झूलों का
आनंद लिया। रात के समय स्टेडियम का नजारा खूबसूरत रहा। झूलों पर लगी संगीन लाइटें सबको अपनी ओर आकर्षित करती है। पहली मार स्टेडियम में झूलों को व्यवस्थित स्थापित किया गया। इस बार झूले भी प्रतिवर्ष के मुकाबले कई ज्यादा आए है। छोटे बड़े 65 झूले स्टेडियम परिसर में लगे।