लेकोडिया गौशाला के भ्रष्टाचार पर प्रशासन की कार्यवाही शुरू.उच्च आदेश पर एसपी ने दिए दोषीयो की गिरफ्तारी के निर्देश.संत की नाराजगी के आगे झुका शासन प्रशासन ….

आवाम की आवाज़ न्यूज़//कमलेश पाटीदार
स्थानीय प्रशासक की कार्यप्रणाली पर उठा बड़ा सवाल..?
बगंलामुखी संत को मनाने पहुचे थै हजारो भक्त..
खाचरोद क्षेत्र के मां बगलामुखी आश्रम के संत की नाराजगी के आगे शासन प्रशासन को झुकना पड़ा. उच्च स्तर के निर्देश पर एसपी ने दोषीयों की गिरफ्तारी के आदेश दिए है इससे दोषीयों में हडकंप मचा हुआ है इन सब मे स्थानीय प्रशासक की लापरवाही उजागर हो रही है समय रहते जांच कर दोषीयों पर कार्रवाई हो जाती तो संत कृष्णानंद जी को हिमालय जाने की जीद नहीं करनी पड़ती. आपको बतादे कि स्वामी कृष्णानंद जी ने चर्चीत लेकोडियो गौशाला मे हुए भ्रष्टाचार की आवाज 12 जनवरी को ढोढर की भागवत कथा से उठाया था ओर स्थानीय प्रशासन को तीन दिन का समय दिया था. और अनशन की बात कही थी लेकिन प्रशासन के जांच का हवाले में टाला. फिर स्वामी जी ने 23 जनवरी अपने जन्म दिवस पर गौवंश को श्रद्धांजलि देकर संत जनो का मुंडन भी कराया था. लैकिन शासन प्रशासन ने कार्यवाही के नाम पर गौवंश की गणना कर आबंटित राशि को आधी कर दी, लेकिन. गौवंश के नाम पर सरकारी पैसा हजम करने वाले गौशाला समिति के दौषीयो पर कार्यवाही नहीं हुई. इस कारण से संत की आत्मा को ठेस पहुची और प्रण लीया कि जहा पर गौवंश की सुरक्षा नही होती वहा रहना उचीत नहीं. पिछले दो दिनों से खाचरोद चोकी आश्रम पर हजारों भक्तों व राजनेताओं का आगमन हुआ , मिडिया में भी गौ सुरक्षा में मामले को प्रमुखता से उठाया , संभागायुक्त ने मामले को सज्ञान में लेकर शुक्रवार को देर शाम डा. भुपेन्द्र पाटीदार के निलम्बित किया, लेकिन स्वामी जी मुख्य दोषीयों पर कार्यवाही चाहते थे, उच्च अधिकारी के निर्देश में रविवार को एसपी प्रदीप शर्मा ने सभी दोषीयों को गिरफ्तारी के निर्देश दिए है. अभी नाम उजागर नही सामने नहीं आए है इसी के बाद स्वामी कृष्णानंद जी को हिमालय की यात्रा जाने से रोका गया है, स्वामी जी को उच्च प्रशासन ने ठोस आश्वासन दिया है कि किसी का भी सरक्षण हो दोषी बक्से नहीं जाएगे. सभी भक्तों को जैसे ही पता चला तो हर्ष की लहर दोड़ पड़ी फुलों की वर्षा करने लगे सभी के चेहरे पर मुस्कान झलकी. रतलाम महापोर पटेल भी पहुंचे और उन्होंने भी गिरफ्तारी के आश्वासन दिया है
स्वामी कृष्णानंद ने मां बगलामुखी को प्रणाम कर अपने हिमालय जाने के प्रण को स्थगित किया और सभी भक्तों की भावनाओं के साथ उच्च प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यवाही के मान सम्मान को प्रणाम किया.
संत की आत्मा को ठेस पहुचाने में स्थानीय प्रशासन भी दोषी.
इतना सब झमेला होने के बाद एसडीएम नेहा शाहु स्थानीय प्रशासन. भी पहुची थी जीनके पास 13 जनवरी को शीकार पहुची थी, जीसने गुरुजी से जांच में देरी के लिए माफी मागी और कार्यवाही का आश्वासन दिया, लेकिन मिडिया में अपनी लेटलतीफी और लापरवाही को छुपाने के लिए कुछ भी कहने से बचती रही और बीना कुछ बोले चली गयी, स्वामी जी से भी बंद मोबाइल बंद कैमरे में चर्चा करी. जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा गयी. क्यो आन रिकार्ड गुरुजी से चर्चा नहीं करी.? क्यों दोषीयों की जानकारी उजागर करी? कही ना कही स्थानीय प्रशासक भी संत की आत्मा और उनके अनुयायी को ठेस पहुंचाने का घोर अपराध किया है. जो असहनीय है लैकिन स्वामी जी ने अपने रुठे मन से क्षमा कर मामले में कार्यवाही करने के निर्देश जरूर दिए.