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08/06/2025

रायगढ़ : 7000 क्विंटल धान की बोगस खरीदी? इस समिति में दो करोड़ रुपए का धान गायब? दो बार हुई जांच..!

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रायगढ़, समय पर भौतिक सत्यापन होने के कारण इस बार मिलीभगत का ट्रेंड कम हुआ और कई समितियों में घोटाला उजागर हो रहा है। खरसिया के तिउर केंद्र में करीब दो करोड़ रुपए कीमत का धान गायब है। बताया जा रहा है कि 7000 क्विंटल धान की बोगस खरीदी की गई है।धान खरीदी में सख्ती के कारण कई जगहों पर गड़बड़ी सामने आती जा रही है। तमनार केंद्र में तो प्रबंधक, ऑपरेटर समेत चार के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है। अब खरसिया के तुरेकेला समिति के उपकेंद्र तिउर में बड़ा घपला सामने आ रहा है। कलेक्टर ने तीन स्तरों के भौतिक सत्यापन का आदेश दिया था। तिउर का प्रबंधक तिहारू राम जायसवाल है। इस केंद्र में बोगस खरीदी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए गए हैं। सहकारिता विभाग, अपेक्स बैंक, खाद्य विभाग और मार्कफेड की टीम ने दो बार जांच की है।

 

बताया जा रहा है कि यहां करीब 7000 क्विंटल धान कम पाया गया।:-

 

सॉफ्टवेयर में खरीदी एंट्री, उठाव और बचे हुए धान का मिलान करने पर इतना धान कम मिला। इसकी कीमत करीब 2.17 करोड़ रुपए होती है। मतलब बिना धान लाए बोगस एंट्री कर दी गई है जिसे बाद में एडजस्ट कराने की तैयारी थी। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन सन्न रह गया है। इतनी सख्ती के बावजूद बड़े पैमाने पर बोगस एंट्री ने व्यवस्था पर ही सवाल उठाए हैं। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने तिउर समिति में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

 

मिली जानकारी के मुताबिक तिउर में दो बार जांच हो चुकी है।:-

 

अब तक प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है। अपेक्स बैंक की ओर से मामले में ढिलाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि बैंक प्रबंधन इस केंद्र में कार्रवाई के बजाय प्रबंधक को बचाने की फिराक में है। तुरेकेला समिति के प्रबंधक हेमलाल पटेल हैं। वहीं तिउर के फड़ प्रभारी तिहारू राम जायसवाल और कंप्यूटर ऑपरेटर सूरज डनसेना हैं। इतनी ज्यादा मात्रा में धान की बोगस खरीदी में समिति के नोडल अधिकारी की संलिप्तता हो सकती है।

 

क्या कर रहे थे नोडल और सुपरवाइजर:-

 

इस साल धान खरीदी में नोडल अधिकारी और ट्रस्टेड पर्सन की नियुक्ति की गई थी ताकि खरीदी पर निगरानी बनी रहे। तिउर में नोडल ने अपना काम ही नहीं किया। अपेक्स बैंक के सुपरवाइजर के सामने बोगस खरीदी होती रही। ट्रस्टेड पर्सन के बायोमीट्रिक पहचान होने के बाद ही भुगतान भी हुआ। बोगस खरीदी को रोकने के लिए इनमें से किसी ने समय पर कार्रवाई नहीं की। अब सरकार को लाखों का नुकसान हो गया..


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