हाल ही में मैंने Marco फ़िल्म देखी थी, उसमें एक पत्रकार विलेन की पोल खोलता है तो उसे मरवा दिया जाता है, बस यही छत्तीसगढ़ में हुआ है,…

मुकेश चंद्राकर बीजापुर में पत्रकार थे, उन्होंने कुछ दिन पहले एक नई बनाई गई सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे तो
उस सड़क को बनाने वाले ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने मुकेश को अपने फार्म हाउस बुलाया और उन्हें मार दिया,
मुकेश को मारने के बाद उनकी बॉडी उसी फार्म हाउस के सैप्टिक टैंक में डाल दी ऊपर से सीमेंट से जाम कर दिया।
आजकल वैसे भी पत्रकार चरणबंदना में लीन हैं उसमें यदि कोई पत्रकारिता करता भी है तो उसका यह हाल किया जाता है।