इन जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट, प्री मानसून की बारिश को लेकर आया बड़ा अपडेट, जानिये कब तक छत्तीसगढ़ आयेगा मानसून

छत्तीसगढ़ में इस बार मानसून समय से पहले पहुंचने वाला है। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि मानसून 6 दिन पहले ही राज्य में दस्तक देगा। 25 मई से शुरू होने वाले नौतपा के दौरान इस बार गर्मी की तपिश नहीं बल्कि बारिश की बौछारें देखने को मिलेंगी। कई जिलों में भारी बारिश और आंधी-तूफान का अलर्ट जारी किया गया है।
छत्तीसगढ़ में इस बार मौसम समय से पहले करवट बदलने जा रहा है। दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल में अपनी सामान्य तिथि (1 जून) से आठ दिन पहले 24 मई को ही पहुंच गया है, और इसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में भी मानसून तय तारीख से छह दिन पहले यानी जून के पहले सप्ताह में ही पहुंचने की संभावना है।
मौसम विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि नौतपा के दौरान इस बार सूर्य की प्रचंडता कम रहेगी। 25 मई से 2 जून तक चलने वाले नौतपा के दौरान अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। सामान्यत: इस अवधि में तापमान 44–45 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार यह 38 डिग्री से नीचे बना रह सकता है।
इन जिलों में होगी भारी बारिश:
अगले दो दिनों में रायपुर, गरियाबंद, बलौदाबाजार, बेमेतरा, कोरबा, सक्ती, जांजगीर और बिलासपुर जिलों में बारिश के आसार हैं। वहीं, 26 से 29 मई के बीच बस्तर संभाग के सभी जिलों, सरगुजा संभाग के जशपुर, अंबिकापुर और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में बरसात का पूर्वानुमान जताया गया है।
30 और 31 मई को पूरे प्रदेश के 33 जिलों में व्यापक रूप से वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने दुर्ग संभाग के लिए ऑरेंज अलर्ट और बालोद जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जहां शनिवार को डेढ़ इंच बारिश दर्ज की गई। रविवार को राजनांदगांव, दुर्ग, कवर्धा और बेमेतरा में भी झमाझम बारिश हो सकती है।
आंधी-तूफान और बिजली गिरने की चेतावनी:
मौसम वैज्ञानिक राकेश वर्मा ने बताया कि कई जिलों में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलने और बिजली गिरने की स्थिति बन सकती है। हवा की रफ्तार 30 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। नागरिकों को सुरक्षित स्थानों में रहने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मानसून का मार्ग और प्रगति:
मौसम विभाग के वरिष्ठ विशेषज्ञ एच.पी. चंद्रा के अनुसार, मानसून दक्षिण भारत से तेजी से आगे बढ़ रहा है। आने वाले दो से तीन दिनों में यह मध्य अरब सागर, गोवा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी के भागों और पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंच सकता है।