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08/06/2025

छत्तीसगढ़ में प्री-मानसून की दस्तक, 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, तेज बारिश और आंधी की संभावना

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छत्तीसगढ़ में मौसम ने आखिरकार करवट ले ली है. प्री-मानसून की दस्तक 22 मई को प्रदेशभर में देखने को मिली, जब अधिकांश जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई. बीजापुर जिले में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 50 मिलीमीटर पानी गिरा, जिससे क्षेत्र में मौसम सुहाना हो गया है. मौसम में यह बदलाव अचानक नहीं आया, इसके पीछे दो सक्रिय मौसम प्रणालियां जिम्मेदार हैं, जिनका असर पूरे राज्य में दिख रहा है. आइये जानते हैं कैसा रहेगा आज का मौसम.

प्रदेश के उत्तरी जिलों में बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य इलाकों में तेज बारिश और अंधड़ को लेकर यलो अलर्ट लागू किया गया है. रायपुर, दुर्ग जैसे मैदानी जिलों में तेज गरज के साथ बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है, वहीं बिलासपुर, सरगुजा और आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश होने की संभावना जताई गई है. इस पूरे सिस्टम का असर कम से कम 25 मई तक देखने को मिलेगा.

 

बदले हुए मौसम की मुख्य वजह प्रदेश के ऊपर सक्रिय दो सिनौप्टिक सिस्टम हैं. पहला सिस्टम एक ट्रफ लाइन है, जो मध्यप्रदेश और झारखंड से होकर गुजर रही है और इसका असर छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्सों में दिख रहा है. दूसरी ओर बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी की वजह से दक्षिणी छत्तीसगढ़ के जिलों में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है. वहीं, मध्य क्षेत्र में भी हल्की बारिश और मेघ गर्जन की स्थिति बन रही है.

 

ट्रफ लाइन एक वायुमंडलीय रेखा होती है, जो सामान्यतः कम दबाव वाले क्षेत्रों से जुड़ी होती है. यह रेखा हवा के बहाव को प्रभावित करती है और उस दिशा में मोड़ देती है जहां वायुदाब कम होता है. इसके चलते हवा ऊपर की ओर उठती है, जिससे नमी जमने लगती है और बारिश की संभावनाएं बनती हैं. यही कारण है कि इन दिनों छत्तीसगढ़ में लगातार बादल छाए हुए हैं और कहीं न कहीं बारिश हो रही है.

 

बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट देखी गई है. औसतन 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे भीषण गर्मी से परेशान लोगों को राहत मिली है. हालांकि, राजधानी रायपुर में अब भी पारा ऊंचा है. बुधवार को यहां का तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक था.

 

इन जिलों में बारिश की संभावना

 

मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के कई जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है. मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, मोहला-मानुपर, राजनांदगांव, खैरागढ़, कबीरधाम, बेमेतरा, दुर्ग, बालोद, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद, शक्ति, रायगढ़, सारंगढ़, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर-चांपा और बलौदा बाजार जैसे 20 जिलों के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है. इसके अलावा गौरेला, कोरबा, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा और जशपुर जैसे छह जिलों के कई स्थानों पर वर्षा के आसार हैं. सबसे अधिक प्रभाव बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव, बस्तर और सुकमा में देखने को मिलेगा, जहां अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है.

 

बारिश और बिजली गिरने के इन हालात में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. जैसे ही गड़गड़ाहट सुनाई दे, तुरंत किसी पक्के मकान या सुरक्षित स्थान पर शरण लें. खुले मैदान में हो तो उकड़ू बैठना ज्यादा सुरक्षित होता है. पेड़ों के नीचे कतई न जाएं और बिजली के खंभों या तारों से दूर रहें. इस दौरान मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग भी टालना चाहिए क्योंकि वे बिजली की चपेट में आ सकते हैं.

 

इस बदले हुए मौसम का असर जनजीवन पर ही नहीं, कृषि पर भी दिखेगा. जहां एक ओर यह बारिश किसानों के लिए राहत बन सकती है क्योंकि खेतों की बुआई की तैयारी में नमी का होना जरूरी होता है, वहीं दूसरी ओर यदि तेज अंधड़ या ओलावृष्टि होती है तो फसल को नुकसान भी हो सकता है. इसलिए किसानों को भी मौसम की अपडेट लगातार लेते रहने की सलाह दी जा रही है.

 

मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की गतिविधियां 25 मई तक चलती रहेंगी, इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. यह मौसम कभी भी अचानक खराब हो सकता है और बिजली गिरने या आंधी-तूफान की स्थिति बन सकती है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम से जुड़ी चेतावनियों को गंभीरता से लें और सुरक्षित रहें.

छत्तीसगढ़ में प्री-मानसून की यह दस्तक गर्मी से राहत तो लेकर आई है, लेकिन इसके साथ ही खतरे की चेतावनी भी. बीजापुर से लेकर सरगुजा तक, बारिश का यह दौर लोगों के लिए उम्मीद और सतर्कता दोनों का संदेश लेकर आया है.


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