गांव की चौपाल में मंत्री बैठीं जमीन पर – एक-एक समस्या सुनी, मौके पर ही दिए समाधान के निर्देश”
सूरजपुर की धरती पर उतरा लोकतंत्र का मानवीय चेहरा, ‘गांव-बस्ती चलो अभियान’ के तहत मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दिखाई सरोकारों की संवेदनशील मिसाल

सूरजपुर ।”गांवों का विकास ही आत्मनिर्भर भारत की नींव है” – इस मूलमंत्र को चरितार्थ करते हुए छत्तीसगढ़ शासन की कैबिनेट मंत्री व भटगांव विधायक श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने रविवार को सूरजपुर जिले के ग्रामीण अंचलों का भ्रमण किया। ‘गांव-बस्ती चलो अभियान’ के तहत उन्होंने ग्राम रैसरा, खड़ौली, जांज, रैसरी व चेंद्रा जैसे दूरस्थ पंचायतों में पहुंचकर ग्रामीणजनों के साथ आत्मीय संवाद स्थापित किया।भीषण गर्मी में भी जमीन पर बैठकर मंत्री राजवाड़े ने जनचौपाल के माध्यम से ग्रामीणों की पीड़ा को प्रत्यक्ष सुना और त्वरित समाधान के निर्देश दिए। कहीं चबूतरे पर, तो कहीं स्कूल मैदान में – हर जगह उनकी उपस्थिति ने जनता को भरोसे और राहत का अहसास कराया। बहरहाल यह दौरा केवल जनसुनवाई नहीं था यह एक मानवीय लोकतंत्र की संजीवनी थी। जिसमें सत्ता का हर स्तर गांव के भीतर जाकर, लोगों की आंखों में देखकर यह वादा करता नजर आया कि “आप अकेले नहीं हैं, सरकार आपके साथ है।”


जन चौपाल बना जन संवाद का सशक्त माध्यम
रैसरा पंचायत से शुरू हुई इस जन संवाद यात्रा में खड़ौली के माध्यमिक शाला परिसर और जांज के स्कूल मैदान में सजी जन चौपालें जनभावनाओं की सजीव अभिव्यक्ति बनीं। पेयजल आपूर्ति की अनियमितता, खराब सड़कों, राजस्व प्रकरणों में विलंब जैसी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आईं।मंत्री ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण हो। उन्होंने खड़ौली मार्ग के निर्माण हेतु 10 लाख रुपए की घोषणा करते हुए इसे शीघ्र प्रारंभ करने की बात कही।


बैंक खोलने की मांग पर दिया भरोसा
रैसरी पंचायत के बगीचा पारा में आयोजित चौपाल में ग्रामीणों ने सहकारी बैंक शाखा खोलने की पुरजोर मांग की। उनका कहना था कि बैंकिंग सेवाओं के लिए उन्हें बिश्रामपुर तक जाना पड़ता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है।मंत्री राजवाड़े ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को अध्ययन कर आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को वित्तीय सेवा उनके गांव में उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।


सरल, सहज व सशक्त नेतृत्व की झलक
गांव की मिट्टी में रचने-बसने वाली मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की जनसंपर्क शैली ने ग्रामीणों का दिल जीत लिया। न कोई मंच, न औपचारिकता – सीधे जमीन पर बैठकर लोगों की बात सुनी और संवेदनशीलता से समाधान का मार्ग खोला। उनके साथ पहुंचे अधिकारियों ने मौके पर ही कई शिकायतों का निराकरण करना शुरू कर दिया।
*गांव-बस्ती में सजी चौपालें, सत्ता नहीं सेवा के स्वर*
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सुबह निवास पर पहुंचे लोगों की समस्याओं व मांगों को सुनने के बाद सीधे क्षेत्र के गांव-गांव की गलियों में नजर आईं। कहीं बगीचे के किनारे चबूतरे पर बैठीं, तो कहीं स्कूल प्रांगण में ग्रामीणों की भीड़ के बीच जमीन पर – कोई मंच नहीं, कोई विशेष व्यवस्था नहीं, सिर्फ लोगों के बीच रहकर, उनकी पीड़ा और जरूरतों को आंखों में देखकर सुना।
*”जनप्रतिनिधि होना जिम्मेदारी है, सिर्फ पद नहीं” – मंत्री राजवाड़े*
हर चौपाल में मंत्री राजवाड़े का एक ही संदेश था – “मैं यहां विधायक या मंत्री बनकर नहीं, आपकी बेटी, बहन और प्रतिनिधि बनकर आई हूं। आपकी हर समस्या मेरी जिम्मेदारी है।” उनका यह भावुक संवाद ग्रामीणों के दिलों को छू गया।
*जन सरोकारों की प्रतीक बनी यात्रा – हर गांव में उमड़ा जनसैलाब*
जहां-जहां मंत्री पहुंचीं, वहां ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वर्षों से उपेक्षित महसूस कर रहे लोगों को जब मंत्री स्वयं उनकी बस्ती में आकर सुनने लगीं, तो उन्होंने खुलकर अपने दुख-दर्द साझा किए। महिलाएं, किसान, बुजुर्ग – हर वर्ग की आवाज़ को मंत्री ने गंभीरता से सुना।
*सहभागिता से समाधान की मिसाल बना यह दौरा*
इस दौरान जिला पंचायत सदस्य बाबूलाल मारापो, जनपद अध्यक्ष इंद्रमणि पैकरा, जनपद सदस्य अनीता पैकरा, गौरी सिंह, दयाराम सिंह, जनपद उपाध्यक्ष प्रतिनिधि राजेश तिवारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष सत्यनारायण पैकरा नधीर सिंह पैकरा सरपंच अशोक पैकरा मन बसिया सीता देवी बंश लाल फूल कुमारी पंच सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और अधिकारी भी मौजूद रहे।