महामाया खदान ने बदली 86 परिवारों की तकदीर, कैबिनेट मंत्री ने सौंपे नियुक्ति पत्र,“रोजगार से ही घरों में आती है खुशहाली”—श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े कैबिनेट मंत्री

सूरजपुर, । कोयला खनन के क्षेत्र में नई उम्मीदों का सवेरा लेकर आई एसईसीएल की महामाया खुली कोयला खदान परियोजना ने शनिवार को 86 युवाओं के जीवन में नया उजाला भरा। भूमि अधिग्रहित परिवारों के इन युवाओं को परियोजना के प्रथम चरण में रोजगार का सुनहरा अवसर प्रदान किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर छत्तीसगढ़ की कैबिनेट मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने स्वयं नियुक्ति पत्र सौंपकर युवाओं के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी। कार्यक्रम में हजारों ग्रामीणों का जनसैलाब उमड़ा, जो इस बदलाव का गवाह बना। बहरहाल महामाया खदान परियोजना न केवल सूरजपुर के आर्थिक विकास को गति दे रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम भी बन रही है। यह परियोजना क्षेत्र के लिए समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक बनकर उभरी है, जिसने ग्रामीणों के सपनों को नई उड़ान दी है।
*रोजगार से समृद्धि का रास्ता*
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने युवाओं को बधाई देते हुए कहा, “जिस घर में रोजगार आता है, वहां समृद्धि अपने आप चली आती है। कोयला उद्योग देश की रीढ़ है, जो न केवल बिजली उत्पादन करता है, बल्कि हजारों परिवारों को रोजगार देकर उनकी जिंदगी संवारता है।” उन्होंने एसईसीएल प्रबंधन से अपील की कि जिन परिवारों की जमीन अधिग्रहित हुई है और उन्हें अभी तक रोजगार नहीं मिला, उन्हें भी शीघ्र अवसर प्रदान किया जाए।
*महिलाओं ने भी लहराया परचम*
इस परियोजना ने न केवल युवाओं, बल्कि 7 महिलाओं को भी रोजगार का अवसर देकर महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम की। ये महिलाएं अपने परिवार की पहली सदस्य हैं, जिन्हें इस तरह का रोजगार मिला। नियुक्ति पत्र पाकर उनकी आंखों में आत्मविश्वास और खुशी की चमक साफ झलक रही थी।
*खनिज संपदा से संवर रहा सूरजपुर*
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में मौजूद वन विकास निगम अध्यक्ष रामसेवक पैकरा ने कहा, “सूरजपुर खनिज संपदा का खजाना है। एसईसीएल जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं लेकर आई हैं। महामाया प्रोजेक्ट इसका जीवंत उदाहरण है।” उन्होंने युवाओं से मेहनत और लगन के साथ काम करने का आह्वान किया।
*विकास की नई राह*
एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक दिलीप बोबड़े ने छत्तीसगढ़ी भाषा में स्वागत भाषण देकर ग्रामीणों का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा, “महामाया खदान केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने का जरिया बनेगी।” उन्होंने परियोजना के तहत कुल 668 लोगों को रोजगार देने के लक्ष्य की जानकारी दी, जिसमें से 214 हितग्राही जरही क्षेत्र से चयनित किए गए हैं।
*युवाओं की जुबानी: “अब गांव नहीं छोड़ना पड़ेगा”*
नियुक्ति पत्र पाने वाले युवाओं के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ रही थी। जरही के स्थानीय रहवासी ने कहा, “पहले रोजी-रोटी के लिए शहरों की ओर पलायन करना पड़ता था। अब गांव में ही रोजगार मिल गया, यह हमारे लिए सपने के सच होने जैसा है।” वहीं नियुक्ति पत्र पाने वाले सात महिलाओं में से एक हैं, ने कहा, “यह नौकरी मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है। अब मैं आत्मनिर्भर बन सकूंगी।”
*ग्रामीणों का उत्साह, नेताओं का साथ*
जरही, दुरती, बरौधी, मरहठा, चौरा जैसे गांवों से हजारों की संख्या में ग्रामीण कार्यक्रम में शामिल हुए। मंच पर जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा, नगर पंचायत जरही अध्यक्ष पूरन राम राजवाड़े, प्रमेश्वरी राजवाड़े, लवकेश पैकरा सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। अतिथियों का माल्यार्पण और छत्तीसगढ़ी परंपराओं के साथ स्वागत किया गया।