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09/06/2025

पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ मुस्लिम समाज में उबाल, बैकुंठपुर में काली पट्टी बांधकर किया विरोध प्रदर्शन, पाकिस्तान मुर्दाबाद, आतंकवादी मुर्दाबाद के लगे नारे

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जुम्मे की नमाज के बाद मस्जिद से घड़ी चौक तक रैली निकालकर  पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ मुस्लिम समाज ने बैकुंठपुर के घड़ी चौक में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया और अपर कलेक्टर सर जी को राष्ट्रपति जी और प्रधानमंत्री जी के नाम ज्ञापन सौंपा

बैकुंठपुर (कोरिया)। पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले को लेकर मुस्लिम समाज में गहरा आक्रोश देखा गया। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बैकुंठपुर की जामा मस्जिद से सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग एकत्र होकर सड़कों पर उतर आए। सभी ने हाथ में काली पट्टियां बांधकर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया।

 

“पाकिस्तान मुर्दाबाद”, “आतंकवाद मुर्दाबाद”, “देश के गद्दारों को बख्शा नहीं जाएगा” जैसे गगनभेदी नारों से पूरा कुमार चौक गूंज उठा।प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकालकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें आतंकवादियों और उनके सरगनाओं के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग की गई। इस दौरान समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने अपने विचार रखे। इमाम जनाब अब्दुल हलीम ने स्पष्ट कहा कि आतंक का कोई मजहब नहीं होता और जो भी देश की शांति को नुकसान पहुंचाएगा, उसका विरोध हर हाल में

किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह ऐसे हमलों के खिलाफ सख्त कदम उठाएं- मुस्लिम समाज हर स्तर पर सरकार के साथ खड़ा है। आतंक का कोई मजहब नही होता, कोई मुसलमान आतंकवादी नही होता, यदि वो आतंकवादी है तो वो मुसलमान नही होगा।वहीं, सेना से रिटायर्ड और अल रजा केअर फाउंडेशन के अध्यक्ष मोहम्मद कलीम ने कहा कि उन्हें भारत की सेना पर गर्व है और यह हमला देश की संप्रभुता पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि आतंक फैलाने वालों और उनके मददगारों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए। मोहम्मद कलीम ने कहा कि देश की अखंडता के लिए मुस्लिम समाज हमेशा आगे रहेगा, और आतंक के खिलाफ लड़ाई में तन-मन-धन से योगदान देगा।प्रदर्शन में शामिल लोगों ने साफ शब्दों में कहा कि देश के खिलाफ काम करने वालों को धर्म के नाम पर समर्थन देने की मानसिकता अब खत्म होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आतंकी हमलों की सभी समुदायों को एकजुट होकर निंदा करनी चाहिए ताकि दुनिया को यह संदेश जाए कि भारत में आतंक के लिए कोई जगह नहीं है।


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