लक्ष्मीपुरा में कीचड़ बना मुसीबत, सड़क पर जलभराव से परेशान ग्रामीणों का हंगामा

बाबर चौहान //चौसाना क्षेत्र की बदहाल गलियां, प्रशासन बेखबर
चौसाना। क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा गांव की गलियां बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी हैं। सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, और सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति ईश्वर के घर के सामने की सड़क की है। यहां कीचड़ और जलभराव इतना ज्यादा हो चुका है कि राहगीरों का चलना तक मुश्किल हो गया है। हालत यह हो गई है कि यह समझना मुश्किल हो जाता है कि सड़क पर कीचड़ है या कीचड़ में सड़क।
गांव के निवासी राजिंदर, अंकित कुमार, प्रेम, अरुण, दीपक, अमित, कृष्णपाल, शिवकुमार, सुरेश, जयसिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने इस मुद्दे को कई बार ग्राम प्रधान और सचिव के सामने रखा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव से पहले प्रधान जी ने बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन जीतने के बाद उन्होंने पलटकर भी नहीं देखा। हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते गए और जब हालात बर्दाश्त से बाहर हो गए तो गांववासियों ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई।
गुस्साए ग्रामीणों ने कहा कि प्रधान और प्रशासन अगर समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं करता, तो उन्हें और बड़े स्तर पर प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
गांव में जलभराव और कीचड़ की समस्या सिर्फ एक असुविधा नहीं बल्कि एक गंभीर स्वास्थ्य संकट भी बन चुकी है। गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। खासतौर पर छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
गांव के निवासी शिवकुमार ने बताया, “हमारे बच्चे स्कूल जाने में हिचकिचाते हैं क्योंकि सड़क पर हर जगह कीचड़ भरा हुआ है। कोई वाहन तक नहीं चल सकता, लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कोई समाधान नहीं हुआ।”
वही बीडीओ उमाकांत मुद्गल ने बताया कि ईश्वर के घर के सामने कीचड़ और जलभराव की समस्या की जानकारी प्रशासन को है। इस समस्या के समाधान के लिए नाले के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन यह काम तभी शुरू होगा जब लेखपाल नाले की पैमाइश करके निशान लगा देंगे।
बीडीओ ने कहा, “जैसे ही निशान लगेगा, कार्य को तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।”