फारेस्ट बीट गार्ड के सांठ-गांठ से उजड़ रहा जंगल ग्रामीणों ने कहा-दारू,मुर्गा और रूपए लेता है नाका पढ़िए पूरी ख़बर ….

धरमजयगढ। वनों की सुरक्षा के लिए वनविभाग द्वारा कोने कोने में हर बीट में बीट गार्ड तैनात किया गया है।ताकि जंगल की सुरक्षा के साथ साथ वन प्राणियों की जान-माल का भी रक्षा करना होता है। लेकिन कई जंगल के वनरक्षकों की सांठ-गांठ व लापरवाही के कारण जंगल उड़जने लगे हैं।हम बात कर रहे हैं रायगढ़ जिले के धरमजयगढ कापू वनमंड़ल क्षेत्र के ऐसे बीट गार्ड का जिन्होंने घर बैठे वनों की रक्षा कर रहे हैं इन्हें ड्यूटी के लिए जंगलों में घुमना देख रेख करना नहीं पड़ता क्योंकि सब कुछ इशारे इशारे पर ही हो रही है मामला वनमंड़ल कापू वन परिक्षेत्र अंतर्गत पुटूकछार बीट के वनरक्षक संतोष खल्खो का जिनका बीट क्षेत्र रायमेर गांव के किनारे से गुजरता है वहीं रायमेर गांव में इन दिनों जंगलों की देखरेख नहीं किया जा रहा है जिससे जंगल में दिन रात धड़ल्ले से जेसीबी मशीन लगाकर लोगों द्वारा जंगल उजाड़ कर खेत निर्माण किया जा रहा है वहीं पेड़ों की कटाई भी अंधाधुंध चल रही है इसके संबंध हमें जानकारी मिलते ही हमने रायमेर गांव पहुंचे लेकिन किसी के माध्यम से जेसीबी मशीन चालक व खेत निर्माण कर्ता को पता चल गया जिससे आनन फानन में जंगल से जेसीबी मशीन को हटाकर भगा ले गए आप तस्वीरों के माध्यम से देख सकते हैं कि किस तरह से पेड़-पौधे को गिराकर खेत निर्माण किया गया है इसके संबंध में हमने ग्राम के लोगों से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि इधर किसी का डर भय नहीं है। वहीं हमने पुछा नाका रेंजर अधिकारी लोग आयेंगे तो पकड़ लेंगे तो उन्होंने जवाब में गांव वालों ने कहा कि हमें पन्डो और उरांव समाज के लोगों को नाका द्वारा छुट दिया गया है, क्योंकि काम कराने एवं पेड काटने के बदले में हम नाका सहाब को खर्चा पानी(नगदी रुपए) सहित दारू और मुर्गा खिला देते हैं, फिर बिंदास पेड़ काटो खेत बनाओ कोई अधिकारी नहीं आते हैं। आगे उन्होंने कहा कि नाका तो हमारे पड़ोस गांव का रहने वाला है और हमारे गांव में उनके रिश्तेदार भी है, तो कहां से कुछ करेंगे। और वहीं आगे उन्होंने बताया कि उनके नाका सहाब कभी कभार आते हैं तो बहुत है,बस। और कोई बड़े अधिकारी तो आज दस साल से ऊपर हो गया कोई नहीं पहुंचे हैं। लेकिन वहीं इससे साफ पता चलता है कि नाका द्वारा रिश्वतखोरी एवं रिश्तेदारी निभाकर घर बैठे ड्यूटी कर रहे हैं। और इसी कारणों से लोगों द्वारा बेखौफ होकर जंगल उजाड़ रहे हैं। और वहीं वनविभाग के आलाधिकारियों के लापरवाही भी सामने आ रही है। क्योंकि समय समय पर बीट में भी आला अधिकारियों को विजिट करनी चाहिए इससे साफ शब्दों में कहें तो जैसे उच्च अधिकारी वैसे उसके कर्मचारी इसके संबंध में हमने फारेस्ट गार्ड संतोष खल्खो से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा कि मेरा बीट क्षेत्र नहीं है,वहां का बीट गार्ड अभिषेक बड़ा है, और कहा कि राजस्व भूमि है, कहते हुए जिम्मेदारी से भागते नजर आये लेकिन वहीं बड़ा सवाल बीट किसी का भी रहे, धड़ल्ले उजड़ रहे जंगल का आखिर रक्षा कौन करेगा? अगर बीट गार्ड का क्षेत्र है, तो क्या जंगल वनों की रक्षा करने एसडीओ,डीएफओ या फिर सीसीएफ को आना पड़ेगा अब देखना होगा कि समाचार प्रकाशन के बाद विभाग क्या कार्रवाई करती है या फिर अनदेखा कर देती है।


